वात - पित - कफ इन त्रिदोषों का संतुलन करने के लिए पादाभ्यंग एक कारगर उपाय हैं। पैरों की मालिश स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि शरीर के अधिकांश महत्वपूर्ण अंगों की नसें पैरों में समाप्त होती हैं। आप पैरों की मालिश के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर, अपने दिन भर के तनाव को कम कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य एवं ताकत को बढ़ा सकते हैं ।
मरीज को मसाज टेबल पर मुंह के बल लेटने के लिए कहा जाता है। पीठ के निचले हिस्से के चारों ओर आटे या हर्बल पेस्ट से बना एक बांध बनाया जाता है, जिससे एक छोटा सा गहरा स्थान निर्मित हो जाता है जिसमें कि गर्म तेल को डाला जाता है
प्रतिरक्षा-प्रणाली को मजबूत बनाता है और आंतरिक अंगों को डिटॉक्स (विषहरण) करने में मदद करता है।
शरीर में अतिरिक्त गर्मी और पित्त को कम करने में सहायक है।
मधुमेह और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है।
फटे तलवों, पैरों की सूजन, जलन कम करने के लिए उपयोगी है।
अनिद्रा, तनाव, चिंता, अवसाद और थकान को कम करता है।
एड़ी, घुटने, गर्दन, कमर और मांसपेशियों के दर्द से आराम दिलाता है।
शरीर में रक्त-शुद्धि और रक्त-संचार में सुधार करता है।
आँखों की जलन कम करने के लिए और आँखों के नीचे काले घेरे को कम करने के लिए लाभकारी है।
चेहरे पर काले धब्बे कम करने और चेहरे पर ग्लो लाने के लिए उपयोगी है।
शारीरिक और मानसिक असंतुलन को दूर करने में सहायक है।
मोबाइल और कम्प्युटर से होने वाली आँखों की थकान को दूर करता है।
पाचन क्रिया को सक्रिय करने में सहायक है।
श्रवण क्षमता तथा नेत्र ज्योति में सहायक है।
वेरीकोज वेन्स को कम करने में सहायक है।